लेकिन अहंकारी पति को पत्नी के दिल की परवाह ही नहीं होती है, लेकिन अहंकारी पति को पत्नी के दिल की परवाह ही नहीं होती है,
कैसे उसको समझाऊँगी दुःख की भमर में खाए हिचकोले किन बातों से बहलाऊँगी अंतर्मन की करुण व्यथा सखी क... कैसे उसको समझाऊँगी दुःख की भमर में खाए हिचकोले किन बातों से बहलाऊँगी अंतर्मन ...
लेकिन मुझे पूरी आजादी न मिल पाने का है गिला। लेकिन मुझे पूरी आजादी न मिल पाने का है गिला।
आ जाओ फिर एक बार, बिन तेरे बिखर रहे बारम्बार। आ जाओ फिर एक बार, बिन तेरे बिखर रहे बारम्बार।
मेरे मन के भावों को- कैसे पढ़ लेती है, एक स्त्री ? एक तरुणी ? मेरे मन के भावों को- कैसे पढ़ लेती है, एक स्त्री ? एक तरुणी ?
उसकी कोमलता पर दिलो-जान निसार किया। उसकी कोमलता पर दिलो-जान निसार किया।